असली "लाल किताब के फरमान 1952" हिंदी में : प्रथम-पेज़-3 - Hindi Tips
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असली "लाल किताब के फरमान 1952" हिंदी में : प्रथम-पेज़-3

असली "लाल किताब के फरमान 1952" हिंदी में : प्रथम-पेज़-3

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असली "लाल किताब के फरमान 1952" हिंदी में : प्रथम-पेज़-3

9. इसमें शक नहीं कि लड़कपन की तबियत वाले निंदक (बदखोई करने वाला) और कुएं के मेंढक (अपने दायरे में महदूद) जैसे दिमागी मालिक और मखौल उड़ाने वाले भोले बादशाह (बेवकूफ) से फराहत आ ही जाया करती है मगर दुनियावी राशियों को क्षमतानुसार (हस्बे हैसियत) इस इल्म के फायदा पहुँचाना इन्सानी शराफत होगी | क्योंकि

कर भला होगा भला
आखिर भले का भला
नए और पुराने मज़मून का फर्क
यह किताब

जन्म वक्त्त दिन माह उम्र साल सब कुछ,
हस्म नाम को भी मिटा देती है ||
फक्त्त रेखा फोटो मकानों से कुंडली,
जन्म भय चन्द्र बना देती है ||
लिखित जब विधाता किसी की हो शक्की,
उपाय मामूली बता देती है ||
ग्रह फल व राशि के टुकड़े दो करता,
या रेखा में मेख लगा देती है ||

1. इस विद्या की नीवं सामुद्रिक विद्या पर है जिससे मौजूदा ज्योतिष के मुताबिक बनी कुंडली के लग्न की दुरुस्ती करने में मदद मिलती है | जब प्राचीन विचारों पर शनिच्चर की अढाई साला मंदी चाल के तीन बड़े चक्रों (2 ½, 5, 7 ½ साल) की साढ़सती की फ़िक्र माननी पड़े, तो इस लाल किताबी मज़मून की बुनियाद पर शनिच्चर की मंदी घटनाएं मसलन साँप डसने की घटनाएं (वारदातें), मकान गिर जाने या बिक जाने, आँख की नज़र (बिनाई)

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